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जंगली सुअर और नीलगाय को मार सकेंगे किसान, मिला आदेश

वर्धा । जंगली सुअर व नीलगाय के कारण खेत फसल का बड़े पैमाने पर नुकसान होने के कारण उनका उत्पात रोकने के लिए किसानों द्वारा उनका शिकार करने की अनुमति मांगी जाती है. मात्र उक्त प्रकरण कोर्ट में होने के कारण यह अनुमति नहीं दी जाती थी।
परंतु अब कोर्ट ने 22 जुलाई 2015 के मार्गदर्शक सूचना 2 पर स्थगिती दी है. जिससे अब किसानों को सुअर व नीलगाय का शिकार करने के लिए अनुमति देने के निर्देश मुख्य वन्यजीव रक्षक तथा प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ने दिए हैं.

सुअर व नीलगाय की संख्या बढ़ने के कारण उनका रूख खेतों की ओर बढ़ गया था. जिससे किसानों का भारी नुकसान होता था. सुअर व नीलगाय फसल का नुकसान करने के कारण उनकी रोकथाम के लिए उनकी शिकार करने की मांग हो रही थी. परंतु सरकार की और कोई निर्णय नही लिया गया था. किसानों की मांग व जनप्रतिनिधियों के दबाब के चलते सरकार ने नीलगाय व सुअर का शिकार किसान कर सकते हैं, ऐसा आदेश निकाला था.

किसान ने अनुमति मांगने के बाद 24 घंटों के भीतर उसे अनुमति देने का प्रावधान था. उक्त कालावधि में अनुमति नहीं मिलने पर भी किसान शिकार कर सकते थे. मात्र इस निर्णय को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने वस्तु स्थिती को देखते हुए 22 जुलाई 2022 को सूचना क्रमांक 2 पर स्टे दिया है. लेकिन अन्य सूचनाओं पर स्टे नहीं दिया है।
कोर्ट के फैसले के बाद वनविभाग ने अन्य सूचना लागू होने की बात अपने पत्र में कही है. किसानों द्वारा नीलगाय व सुअर का शिकार करने की अनुमति मांगने पर उन्हें अनुमति दी जाये तथा प्रतिमाह की रिपोर्ट 10 तारीख के पूर्व प्रस्तुत करने के निर्देश वनपरिक्षेत्राधिकारी को मुख्य वन्यजीव रक्षक तथा प्रधान मुख्य वनसंरक्षक महीप गुप्ता ने दिए हैं।

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