हरियाणा के राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने 28 नगर पालिकाओं और 18 नगर परिषदों के आम चुनावों की घोषणा कर दी है. नगर निकाय चुनाव के लिए 19 जून को वोटिंग होगी और 22 जून को परिणाम घोषित किए जाएंगे. आज चुनावों की घोषणा के साथ ही इन नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.धनपत सिंह ने कहा कि उम्मीदवारों की ओर से 30 मई से 4 जून तक केवल 2 जून (अवकाश होने के कारण) को छोड़कर प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे और नामांकन पत्रों की जांच 6 जून को होगी.
उम्मीदवारों की ओर से 7 जून तक 11 बजे से 3 बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं. उसी दिन उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह अलॉट किये जाएंगे. 19 जून को प्रातः 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होंगे. धनपत सिंह ने कहा कि पहले मतदान का समय शाम 5 बजे तक होता था, लेकिन इस बार गर्मी के मौसम को देखते हुए मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है. अगर जरूरी हुआ तो पुनः मतदान 21 जून को करवाया जा सकता है.फरीदाबाद नगर निगम और तीन अन्य नगर पालिकाओं के चुनाव बाद में होंगे, क्योंकि मतदाता सूची में संशोधन का कार्य अभी भी जारी है.
अब कितने रुपए खर्च कर सकते हैं उम्मीदवार?
राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि नगर परिषद/कमेटी के अध्यक्ष और सदस्यों का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की खर्च सीमा संशोधित की गई है. नगर पालिका के अध्यक्ष के लिए चुनाव खर्च की सीमा 10.50 लाख रुपए निर्धारित की गई है, जो पहले 10 लाख रुपये थी. इसी तरह अध्यक्ष, नगर परिषद के चुनाव खर्च की सीमा 16 लाख रुपये निर्धारित की गई है, जो पहले 15 लाख रुपये थी. सदस्य नगर पालिका के लिए चुनाव खर्च की सीमा 2.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये और सदस्य नगर परिषद के लिए 3.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.50 लाख रुपये की गई है.
खर्च का लेखा-जोखा नहीं देने पर होगी ये कार्रवाई
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव खर्च का लेखा-जोखा रखना होगा और इसे 30 दिनों के भीतर जमा करना होगा. राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी उम्मीदवार अपने चुनावी-खर्च का लेखा बनाकर रखेंगे और चुनाव का परिणाम घोषित होने के 30 दिनों के भीतर उसे उपायुक्त या राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे. ऐसा न करने पर उम्मीदवार 5 सालों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन चुनावों का संचालन एम-2 टाईप ईवीएम के माध्यम से किया जाएगा. चुनावी उम्मीदवार का प्रिंट फोटोग्राफ बैलेट पेपर पर और अन्य ब्यौरे के साथ ईवीएम की बैलेटिंग यूनिट पर प्रदर्शित होगा.
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार कितने पढ़े-लिखे होने चाहिए?
धनपत सिंह ने बताया कि अध्यक्ष और सदस्य के लिए अनारक्षित वर्ग में अध्यक्ष चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10वीं निर्धारित की गई है. अध्यक्ष और सदस्य के लिए चुनाव लड़ने वाली महिलाओं और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आठवीं पास होना जरूरी है. इसके अलावा, अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने वाली अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के लिए आठवीं कक्षा, जबकि सदस्य के पद का चुनाव लड़ने के लिए पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए.
नोटा का विकल्प होगा मौजूद
राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन चुनावों में भी नोटा के विकल्प का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि चुनाव परिणाम घोषित करने से पहले नोटा एक काल्पनिक चुनावी उम्मीदवार के रूप में समझा जाता है. अगर किसी निर्वाचन में चुनाव लडऩे वाले सभी उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से नोटा से कम वोट प्राप्त करते हैं तब चुनाव लडऩे वाले किसी भी उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित नहीं किया जाएगा. नोटा और चुनाव लडऩे वाला उम्मीदवार सबसे ज्यादा या बराबर वैध वोट प्राप्त करते हैं, ऐसी स्थिति में चुनाव लडऩे वाला उम्मीदवार (न कि नोटा) निर्वाचित घोषित किया जाएगा.
सबसे ज्यादा ‘नोटा’ आने पर क्या होगा?
राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि नए चुनाव में ऐसा कोई भी उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करने के योग्य नहीं होगा, अगर उसने कुल वोट पहले चुनाव में नोटा के मुकाबले कम प्राप्त किए हैं.नोटा दुबारा उच्चतम वोट प्राप्त करता है तो दूसरी बार चुनाव नहीं करवाया जाएगा और उच्चतम वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवार (नोटा को छोडक़र) को निर्वाचित उम्मीदवार के रूप में घोषित कर दिया जाएगा.
चुनाव पर्यवेक्षकों की होगी नियुक्ति
धनपत सिंह ने कहा कि चुनावओं को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से करने के लिए राज्य चुनाव आयोग वरिष्ठ आईएएस या एचसीएस अधिकारियों को चुनाव पर्यवेक्षक, वरिष्ठ आईपीएस या एचपीएस अधिकारियों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करेगा. आबकारी एवं कराधान विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संबंधित नगर समितियों और परिषदों में व्यय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए जाएंगे. ये पर्यवेक्षक समय-समय पर राज्य चुनाव आयोग को रिपोर्ट करते रहेंगे.
लगभग 10000 मतदान कर्मियों को किया जाएगा तैनात
धनपत सिंह ने बताया कि चुनावों के सुचारू संचालन के लिए रिटर्निंग ऑफिसर, एआरओ, पर्यवेक्षी कर्मचारी, पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी और अन्य कर्मचारी समेत करीब 10 हजार कर्मचारी तैनात किए जाएंगे. इसके अलावा, निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए विस्तृत व्यवस्था की जा रही है. मतदान केंद्रों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा और संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा.
अगर वोटर लिस्ट में नहीं है नाम तो क्या करें?
धनपत सिंह ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 1 जनवरी, 2022 को अर्हता तिथि मानते हुए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से 5 जनवरी, 2022 को प्रकाशित विधानसभा मतदाता सूची के आधार पर नगर समितियों, नगर परिषदों की मतदाता सूची को तैयार किया है. अगर कोई व्यक्ति जिसका नाम संबंधित नगर समिति/परिषद की वार्डवार मतदाता सूची में शामिल नहीं है, लेकिन उसका नाम राज्य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता रोल के प्रासंगिक भाग में मौजूद है, तो वह नामांकन की अंतिम तिथि तक नगर पालिका की मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी के पास फॉर्म “ए” भरकर आवेदन कर सकता है. उन्होंने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नगर निकायों के चुनाव में अवश्य भाग लें.
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