जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में भ्रमण करता है तब पंचक तिथि की शुरुआत होती है. साथ ही जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे पद, शतभिषा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद और पूर्वाभाद्रपद के चारों चरणों में भ्रमण करता है तब भी पंचक तिथि की शुरुआत होती है. जो पंचक मंगलवार को लगता है उसे अग्नि पंचक के नाम से जाना जाता है. अग्नि पंचक को अशुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इस बार पंचक आज से यानी 27 दिसंबर से शुरू हो रहे हैं. पंचक 5 दिनों तक होते हैं. आइए जानते हैं कि पंचक कब से कब तक हैं.
हर महीने पांच दिन पंचक लगता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 27 दिसंबर 2022 को मंगलवार के दिन पंचक सुबह 03 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा और 31 दिसंबर 2022 को शनिवार के दिन इसका समापन सुबह 11 बजकर 47 मिनट पर होगा. इस बार अग्नि पंचक लगने जा रहा है.
1. पंचक के दौरान न तो लकड़ी खरीदनी है और लकड़ी को घर में इकट्ठा भी नहीं करना है. साथ ही लकड़ी से बनी कोई भी ना ही खरीदनी है और ना ही बनवानी है.
2. पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार यह दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है.
3. पंचक के दौरान ना तो घर का निर्माण करवाना चाहिए और ना ही घर में कोई लेंटर डलवाना चाहिए.
4. पंचक के दौरान शय्या का निर्माण भी नहीं करवाना चाहिए. अगर किसी व्यक्ति की पंचकों के दौरान मृत्यु हुई है तो मृतक के शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश के बनाकर रखने की मान्यता है. माना जाता है कि ऐसा करने से पंचक दोष समाप्त हो जाता है.
5.पंचक के दौरान पलंग खरीदना भी अशुभ माना जाता है.
पंचक के खास उपाय
1. यदि पंचक के दौरान कोई भी कार्य कर रहे हैं तो उस कार्य को करने से पहले मजदूरों को मीठा बाटें.
2. पंचक के दौरान किसी कारणवश दक्षिण दिशा की यात्रा करनी पड़ रही है तो हनुमान मंदिर में 5 फल चढ़ाकर यात्रा करें.