मामूली खांसी जुकाम समझ लेती रहीं दवा, निकली टीबी
मामूली खांसी जुकाम समझ लेती रहीं दवा, निकली टीबी
विशेष क्षय रोगी ख़ोज अभियान में आशा के कहने पर मनीषा ने करायी जाँच
दो हफ्ता से ज़्यादा खाँसी, लगातार बुखार आने पर तुरंत टीबी की जाँच कराएं : डीटीओ
कासगंज, 23 जून 2023।
सहावर ब्लॉक के ग्राम हीरापुर की रहने वाली 22 वर्षीय मनीषा ने दो माह पहले ही शिशु को जन्म दिया है। वह बताती हैं कि गर्भावस्था के समय कोई समस्या नहीं थी और उनका प्रसव भी आराम से हो गया था, लेकिन प्रसव के बाद से उन्हें लगातार बुखार, खाँसी की शिकायत होने लगी, साथ ही वजन भी कम होने लगा| ऐसे ही गाँव के डॉक्टर से दवा लेती रहीं, लेकिन आराम नहीं मिला|
कुछ समय पहले ही गाँव की आशा कार्यकर्ता ज्योति घर आईं उन्होंने घर के सभी व्यक्तियों से खाँसी बुखार की जानकारी ली। मनीषा को देखकर आशा ने टीबी की जाँच कराने की सलाह दी। जाँच के बाद मनीषा को फेफड़ों की टीबी निकली है| मनीषा का इलाज शुरू हो गया| डॉक्टर ने मनीषा को पूरा इलाज और इलाज के साथ पोषणयुक्त आहार लेने की सलाह दी है, किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाने की सलाह दी गयी है|
मनीषा ने बताया कि टीबी बीमारी के बारे में पता चलते ही मन में छोटी बच्ची के ख्याल और स्तनपान की चिंता हुयी| लेकिन डॉक्टर ने बताया कि ज़रूरी सावधानी के साथ बच्ची को स्तनपान कराया जा सकता है, और दवा का सेवन समय से करते रहने पर दो माह बाद टीबी का प्रसार नहीं हो सकेगा।
मनीषा के घर वालों को टीबी से बचाव की दवा दी जा रही है बेटी को तीन माह की होने के बाद दी जाएगी| बस बचाव बताए गए हैं कि स्तनपान कराने से पहले मास्क लगाएं। और बच्ची का वजन लिया गया था जो सामान्य है।
आशा कार्यकर्ता ज्योति बताती हैं कि मनीषा के पति मजदूरी के काम से अक्सर शहर से बाहर रहते हैं, मनीषा प्रसव के लिए अपने मायके गयी थी, और वहीँ से उसको समस्या होने लगी| जब वह वापस आयी तो हाल चाल लेने के लिए गयी, साथ ही विशेष क्षय रोगी ख़ोज अभियान के अंतर्गत परिवार के सदस्यों से उनकी स्थिति भी जाननी थी| ऐसे में मनीषा की स्थिति के बारें में पता चला, तो तुरंत उसकी नजदीकी हेल्थ वेलनेस सेण्टर पर आयोजित शिविर में जाँच करायी।
क्षय रोग नोडल अधिकारी डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया वर्तमान में जनपद में कुल 1900 टीबी मरीज़ उपचाराधीन हैं। दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आना, दो हफ्ते तक बुखार रहना, खांसी के साथ बलगम और खून आना, क्षय रोग के लक्षण हैं। इसके साथ सीने में दर्द होना, लगातार वजन का घटना भी क्षय रोग का लक्षण है। ऐसे लक्षण होने पर तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र परों जाँच कराएं। टीबी की पुष्टि होने पर तुरंत उपचार लें। उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को नियमित दवा का सेवन करना चाहिए, इसके साथ पोषण युक्त भोजन लेना चाहिए। उपचार के दौरान क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रूपये रोगी के बैंक खाते में भेजें जाते हैं|
क्षय रोग कार्यक्रम जिला समन्वयक धर्मेंद्र यादव ने बताया जनपद में 15 मई से चलाए गए 21 दिवसीय विशेष क्षय रोगी ख़ोज अभियान में ग्राम प्रधान के सहयोग से सीएचओ द्वारा 303 कैंप आयोजित किए गए।जिसमें1990 लोग टीबी रोग से संभावित पाए गए। लक्षणयुक्त क्षय रोगियों को चिन्हित कर जाँच के लिए भेजा।1677 लोगों की एक्सरे बलगम व खून की जाँच कराई गई। बलगम व एक्सरे जाँच में 16 टीबी रोगियों की पुष्टि हुई। विभाग द्वारा तुरंत ही उपचार भी शुरू कर दिया गया।
जाँच केंद्र व डॉट्स सेंटर की सुविधा उपलब्ध-
सयुंक्त जिला अस्पताल, मामो
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अशोक नगर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सोरों
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सहावर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गंजडुण्डवारा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पटियाली
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अमापुर
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिढ़पुरा