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Muradabad News : करोड़ो के घोटाले में बाबूओं ने करादी कम्प्यूटर ऑपरेटर पुष्पेंद्र की हत्या

UP मुरादाबाद शहर के व्यस्ततम फव्वारा चौराहे के पास दिनदहाड़े कंप्यूटर ऑपरेटर पुष्पेंद्र यादव की हत्या महिला कल्याण विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले को दबाने के लिए कराई गई थी। पुष्पेंद्र यादव ने छह साल तक इसी विभाग में नौकरी की थी और वह दोनों बाबुओं चुन्नी लाल और मुकुट लाल के कई राज जाता था।

दोनों बाबुओं को डर सताने लगा था कि घोटाले का राज खुल गया तो वे जेल चले जाएंगे।

महिला कल्याण विभाग में संविदा में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात गोविंद नगर निवासी पुष्पेंद्र यादव ने घटना से एक साल पहले ही नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गया था। वह पीलीकोठी चौराहे के पास कोचिंग सेंटर में पढ़ने जाता था। रोज बाइक से कोचिंग जाता था और दोपहर करीब 12 बजे घर लौट आता था।

महिला कल्याण विभाग के कार्यालय से महीपाल नाम के एक व्यक्ति ने जन सूचना अधिकार के तहत खर्चों की जानकारी मांग ली थी। इससे चुन्नी लाल और मुकुट लाल परेशान हो गए थे। उन्हें लगा कि यह जानकारी पुष्पेंद्र के कहने पर मांगी गई है। चुन्नी लाल ने आवास का निर्माण करा रहे ठेकेदार के जरिये सुपारी किलर से संपर्क किया। इसके बाद तीन लाख रुपये में सुपारी देने की बात तय हुई थी।

इसके बाद सुपारी किलर ने पुष्पेंद्र की रेकी शुरू कर दी थी। 21 सितंबर 2015 की दोपहर करीब 12 बजे पुष्पेंद्र कोचिंग से घर लौट रहा था। तभी फव्वारा चौक के पास एक बाइक पर सवार तीन बदमाशों ने पुष्पेंद्र की बाइक के बराबर में बाइक लगाकर तमंचा सटाकर गोली मारकर पुष्पेंद्र की हत्या कर दी थी।
पुष्पेंद्र यादव के पिता आनंद पाल सिंह रोडवेज विभाग में परिचालक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लंबा संघर्ष किया। चुन्नी लाल और मुकुट लाल कहने को तो बाबू थे, लेकिन उन्होंने नौकरी में रहते करोड़ों की संपत्ति जुटा ली थी।

आनंद पाल का कहना है कि उन्हें केस में समझौता करने के लिए पैसों का लालच दिया गया, लेकिन उन्होंने समझौता नहीं किया। जब आनंद पाल और उनके परिजन समझौते को तैयार नहीं हुए तो धमकियां दी गईं, लेकिन वे धमकियों से नहीं डरे और इन्साफ की लड़ाई जारी रखी।

पिता आनंद पाल ने बताया कि बेटे ने महिला कल्याण विभाग में छह साल तक नौकरी की थी। पुष्पेंद्र अफसर बनना चाहता था, लेकिन नौकरी में रहते वह तैयारी नहीं कर पा रहा था। इसलिए उसने नौकरी छोड़कर तैयारी शुरू कर दी थी।

जिस गैंग ने पुष्पेंद्र की हत्या की सुपारी ली थी। उसने शहर में दो और हत्या करने का ठेका ले लिया था। पुष्पेंद्र के बाद डाक विभाग के एक बाबू भी हत्या किए जाने की योजना थी। ये बाबू भी महिला कल्याण विभाग में हुए घोटाले के बारे में जानते थे। इसके अलावा नागफनी क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति की हत्या करनी थी, लेकिन पहले ही पुलिस ने हत्यारों को दबोच लिया था।

मुरादाबाद में नौ साल पुराने चर्चित कंप्यूटर ऑपरेटर पुष्पेंद्र हत्याकांड में बृहस्पतिवार को अदालत ने महिला कल्याण विभाग के सेवानिवृत्त दो बाबुओं चुन्नी लाल और मुकुट लाल समेत नौ आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत शुक्रवार को दोषियों को सजा सुना सकती है।

कटघर के गोविंद नगर निवासी अनंग पाल उर्फ आनंद पाल ने 21 सितंबर 2015 को सिविल लाइंस में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि उनका बेटा पुष्पेंद्र कोचिंग से घर लौटकर आ रहा था। फव्वारा चौक के पास बाइक सवार तीन बदमाशों ने गोली मारकर पुष्पेंद्र की हत्या कर दी थी।

इस मामले में पुलिस ने गोली मारने वाले आरोपी शहजाद और शादाब को गिरफ्तार कर हत्याकांड खुलासा किया था। आरोपियों ने कबूला था कि महिला कल्याण विभाग में कार्यरत बाबुओं चुन्नी लाल और मुकुट लाल ने तीन लाख रुपये की सुपारी देकर हत्या कराई थी।

इस हत्याकांड में दोनों बाबू के अलावा जमील उर्फ खलील, जौहर, सलमान, आसिफ, शहजाद, शादाब और फिरासत शामिल थे। बाबुओं ने विभाग में 20 करोड़ रुपये का गबन किया था। महीपाल नाम के व्यक्ति ने आरटीआई के जरिये इसकी सूचना मांगी थी।

बाबुओं को शक था कि पुष्पेंद्र ने गबन की जानकारी महीपाल को दी है। इसीलिए उसकी हत्या करवा दी थी। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या तीन सरोज कुमार यादव की अदालत में हुई।

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद संभल के चंदौसी निवासी मुकुट लाल और दीनदयाल नगर निवासी चुन्नी लाल समेत सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया। शुक्रवार को इस मामले में सजा सुनाई जा सकती है।

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