घटिया हेलमेट बेचने वालों पर होगी कड़ी कार्यवाही, जिले के DM को चिन्हित करने के निर्देश
सरकार ने सड़क पर होने वाली मौतों को कम करने के लिए घटिया हेलमेट बेचने वालों पर देशव्यापी कार्रवाई की योजना बनाई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने देशभर के जिला अधिकारियों को आईएसआई चिह्न के बिना हेलमेट बेचने वाले विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने राज्यों को पत्र भेजे हैं, जिनमें सभी जिला अधिकारियों और मजिस्ट्रेट को कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पत्र में जिले में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश और कानूनों को लागू करने पर जोर दिया गया है। इसमें सुझाव भी दिया गया है कि इस पहल को सड़क सुरक्षा अभियान के साथ भी जोड़ा जा सकता है।
पत्र में कहा गया है कि यह देखा गया है अनिवार्य आईएसआई निशान के बिना खराब गुणवत्ता वाले हेलमेट सड़क के किनारे बेचे जा रहे हैं, जिसके चलते सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान चली जाती है। बिना बीआईएस लाइसेंस या नकली आईएसआई चिह्नों का उपयोग करने वाले निर्माताओं के साथ-साथ ऐसे घटिया हेलमेट की बिक्री करने वाले खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता है।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में उपयोग में आने वाले लगभग 50 फीसदी हेलमेट निम्न-मानक के हैं। सस्ता होने और चालान से बचने के लिए अधिकतर दुपहिया वाहन चालक इनका इस्तेमाल करते हैं। देश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का प्रमुख कारण सिर पर लगी चोटें भी होती हैं।
जून 2021 से गैर-आईएसआई मार्क वाले हेलमेट को बनाना और बिक्री करना गैर-कानूनी है। इसके लिए सरकार ने सजा और जुर्माने का प्रावधान किया है। इसके साथ ही ऐसे हेलमेट पहनने वाले दुपहिया वाहन चालक के लिए एक हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। गौरतलब है कि आईएसआई मार्क भारत में औद्योगिक उत्पादों के लिए एक मानक-अनुपालन चिह्न है। यह प्रमाणित करता है कि कोई उत्पाद भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा विकसित भारतीय मानक के अनुरूप है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हादसे के दौरान चोटों को रोकने और जीवन बचाने के लिए हेलमेट का उपयोग एक महत्वपूर्ण रक्षात्मक उपाय है। उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट मृत्यु के जोखिम को छह गुना से अधिक कम कर सकते हैं। वहीं, मस्तिष्क की चोट के जोखिम को 74% तक कम कर सकते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रतिवर्ष 40 हजार लोगों की मौत हेलमेट का प्रयोग नहीं करने और खराब गुणवत्ताा वाला हेलमेट पहनने के कारण हो रही है। वर्ष 2022 में देश में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 1,68,491 लोगों की मौत हो गई, जिसमें से 52000 लोगों की मौत हेलमेट न पहनने के कारण हुई।