
गन्ना भुगतान नहीं करना पड़ा गन्ना मिल को मंहगा (कॉन्सेप्ट फोटो – सोशल मीडिया)
गन्ना भुगतान नहीं करना पड़ा गन्ना मिल को मंहगा (कॉन्सेप्ट फोटो – सोशल मीडिया)
Meerut News : बार-बार नोटिस देने के बाद भी किसानों को उनके गन्ने का भुगतान (sugarcane payment) नहीं करना मेरठ की किनौनी गन्ना मिल (Kinauni Sugarcane Mill) को महंगा पड़ गया। गन्ना मूल्य भुगतान न करने पर इस मिल की चीनी बिक्री (sugar sales) पर रोक लगा दी गई है।
जिला गन्ना अधिकारी डॉ. दुष्यंत कुमार (District Sugarcane Officer Dr. Dushyant Kumar) ने किनौनी मिल (Kinauni Mill) की चीनी बिक्री पर लगी रोक की जानकारी देते हुए बताया कि मेरठ की किनौनी चीनी मिल ने अभी तक पिछले सत्र का भुगतान नहीं किया है। इस संबंध में कई बार नोटिस जारी (notice issued) किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी मिल संचालक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार नोटिसों की अनदेखी को देखते हुए मिल की चीनी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि किनौनी चीनी मिल पर करीब 244 करोड़ रुपये बकाया है, जिसके भुगतान के लिए बराबर दवाब बनाया जा रहा है। शत-प्रतिशत भुगतान होगा, तभी रोक हटेगी और चीनी की बिक्री की जा सकेगी।

चीनी बिक्री पर लगी रोक
जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार किनौनी मिल मिल में गन्ना पेराई तो होगी, लेकिन चीनी की बिक्री नहीं हो सकेगी। जिला गन्ना अधिकारी डॉ. दुष्यंत कुमार ने बताया कि दीपावली के बाद शुरू हुए नए पेराई सत्र में अभी तक चीनी मिलों (sugar mills) पर 40 लाख 34 हजार कुंतल गन्ना किसानों द्वारा पहुंचाया जा चुका है। इसमें से 39 लाख 20 हजार कुंतल गन्ने की पेराई की जा चुकी है।
जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार इस बार मिलों में गन्ना पेराई की क्षमता पहले की मुकाबले बढ़ी है। इसमें मवाना चीनी मिल 13 हजार कुंतल, दौराला 12 हजार 500 कुंतल, किनौनी 12 हजार कुंतल, नंगलामल 6 हजार कुंतल, सकौती 1800 कुंतल, मोहिउद्दीनपुर में 3500 कुंतल गन्ना पेराई की क्षमता है।2021-2022 का पेराई सत्र शुरू हो चुका है। चीनी मिलों ने बीते 13 दिनों में 2 लाख 86 हजार कुंतल चीनी बनाकर तैयार कर दी है। जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने इस बार चीनी का उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद जताई है।
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