Viral Video: गन्ने का रस निकालने का देसी जुगाड़ हुआ सोशल मीडिया पर वायरल, वीडियो देख आप भी कहेंगे- ‘गजब है ये तो’
भारतीय लोगों में भी गजब का टैलेंट छुपा हुआ होता है, जो समय-समय पर जब निकलता है तो उसे देख कर लोग भी सोच में पड़ जाते हैं. खासकर जुगाड़ (Jugaad) के मामले में तो भारतीयों को कोई दबा नहीं सकता. यहां लोग जुगाड़ से कार से लेकर हेलीकॉप्टर तक बना देते हैं. वैसे आमतौर पर भारत में लोग खेती-किसानी पर ज्यादा ध्यान देते हैं, ऐसे में लोगों का दिमाग भी उन्हीं चीजों पर ज्यादा लगता है, जो उनके काम की होती है. कभी किसान खेतों से पक्षियों को भगाने के लिए कुछ अनोखा जुगाड़ कर देते हैं तो कभी बारातियों का स्वागत करने के लिए थ्रेशर मशीन को ही जुगाड़ से ‘कूलर’ बना देते हैं. अब एक ऐसा ही देसी जुगाड़ (Desi Jugaad) वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसे देख कर आप भी हैरान हुए बिना नहीं रह पाएंगे.
आपने गन्ने का रस तो पिया ही होगा. आजकल तो गांव-गांव में भी मशीन से निकाला हुआ गन्ने का जूस मिल जाता है. आपने देखा होगा कि जुगाड़ से लोगों ने ठेले पर ही मशीन फिट कर ली होती है और उसी से गन्ने का रस निकाल कर लोगों को पिलाते हैं, पर इस वायरल वीडियो में कुछ अलग ही जुगाड़ देखने को मिलता है. इसमें बाइक की मदद से गन्ने का रस निकालते दिखाया गया है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक शख्स ने बाइक में एक मोटी सी और लंबी सी लकड़ी बांध ली है और उसे लेकर वह गोल-गोल घूमता रहता है, जबकि बीच में मौजूद एक मशीन से गन्ने का रस निकाला जा रहा होता है. ऐसा जुगाड़ सिर्फ भारतीयों में ही देखने को मिल सकता है. यह वीडियो बड़ा ही मजेदार है, जिसे देख कर आपकी हंसी भी छूट जाएगी.
देखें वीडियो:
Innovative way to extract sugarcane juice pic.twitter.com/imqvRr7MNJ
— RANDOM FACTS (@RANDOMFACTS2022) June 16, 2022
इस मजेदार वीडियो (Funny Video) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर RANDOM FACTS नाम की आईडी से शेयर किया गया है. महज 14 सेकेंड के इस वीडियो को अब तक डेढ़ लाख से भी अधिक व्यूज मिल चुके हैं, जबकि सैकड़ों लोगों ने वीडियो को लाइक भी किया है और तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी दी हैं.
एक यूजर ने लिखा है कि ये गन्ने का रस निकालने का आदिम तरीका है, तो एक अन्य यूजर ने लिखा है कि यह कोई कुशल तरीका नहीं है, बल्कि इसमें तो बहुत अधिक ऊर्जा खर्च हो रही है.
कलप्रिट तहलका (राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक) भारत/उप्र सरकार से मान्यता प्राप्त वर्ष 2002 से प्रकाशित। आप सभी के सहयोग से अब वेब माध्यम से आपके सामने उपस्थित है।
समाचार,विज्ञापन,लेख व हमसे जुड़ने के लिए संम्पर्क करें।