
उत्तर प्रदेश में 25 साल तक हाथरस की राजनीति के केंद्र रहे पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय का निधन हो गया है. रामवीर उपाध्याय लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. देर शाम उनकी मौत की सूचना मिलते ही उनके समर्थकों में मायूसी छा गई है. हाथरस जिले की विधानसभा सादाबाद सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव हारने से पहले से ही वह बीमार चल रहे थे. इससे पहले रामवीर हाथरस जिले से बसपा के टिकट पर पांच बार विधायक रह चुके थे.
राजनीतिक गलियारों में शोक
रामबीर उपाध्याय का उतर प्रदेश की राजनीति में बड़ा दबदबा था. रामवीर उपाध्याय के निधन की सूचना के बाद जिले और प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है. पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय का उनके आगरा आवास पर रात करीब 10 बजे निधन हो गया. उनके निजी सचिव रानू पंडित ने उनके निधन की पुष्टि की है.
बीजेपी से ही शुरू किया था राजनीतिक जीवन
बताया जा रहा है कि बसपा से पहले रामवीर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत बीजेपी से ही की थी. यह इत्तेफाक ही है कि उनका निधन भी बीजेपी में रहते हुए ही हुआ. मायावती के करीबी कह जाने वाले रामवीर उपाध्याय साल 1996 में पहली बार हाथरस सदर से विधायक बने. इसके बाद साल 1997 में हाथरस को अलग जनपद का दर्जा दिलाने में रामवीर उपाध्याय की अहम भूमिका रही.
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