राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार पशुओं में फैल रहे लंपी स्किन रोग पर जल्द नियंत्रण पाने के लिए प्रयासरत है. नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से मुलाकात कर पशुओं में फैल रहे लंपी चर्म रोग पर चर्चा की. रूपाला ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार लंपी से निपटने में राज्य सरकार का पूरा सहयोग करेगी. बता दें कि लंपी सबसे ज्यादा राजस्थान में फैला हुआ है. यहां पर हजारों गायों की मौत हो चुकी है.
गहलोत ने जोधपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रूपाला ने कुछ दिन पूर्व जयपुर में लंपी चर्म रोग को लेकर एक बैठक भी की थी. प्रदेश के कई जिलों के पशुओं में लंपी स्किन रोग का संक्रमण तेजी से फैला है, लेकिन राज्य सरकार दवाईयों, चिकित्सकों, एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए धन की कमी नहीं आने दे रही है.
गौशालाओं का अनुदान बढ़ाया
मुख्य सचिव स्तर पर मामले की मॉनिटरिंग हो रही है. सभी जिला कलेक्टर्स के साथ लगातार बैठकों का दौर भी जारी है. गौवंश का संरक्षण और संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है. सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है. गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं. सभी के सहयोग से हम इस संक्रमण से जल्द निजात पा सकेंगे.
पशु डॉक्टरों की होगी नियुक्ति
उधर, लंपी स्किन रोग के कहर से राज्य के पशुपालक परेशान हैं. गहलोत सरकार ने आनन-फानन में गौवंश में फैली इस बीमारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए प्रभावित जिलों में अस्थायी आधार पर 500 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है. अस्थायी आधार पर 200 पशु चिकित्साधिकारियों व 300 पशुधन सहायकों की भर्ती होगी.
दवा खरीदने के लिए पैसा जारी
गहलोत ने बताया कि आपातकालीन आवश्यक औषधियां खरीदने के लिए डिवीजनल स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को 8 से 12 लाख रुपये और बाकी प्रभावित जिलों को 2 से 8 लाख रुपये सहित कुल 140 लाख की अतिरिक्त रकम आवंटित की गई है. यह रकम पूर्व में इमरजेंसी बजट में समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है.
पशु मेलों पर प्रतिबंध
प्रदेश में पशु हाट और पशु मेलों पर प्रतिबंध लगाया गया है. क्योंकि यह संक्रामक रोग है. गैर प्रभावित जिलों से रोग प्रभावित क्षेत्रों में 33 पशु चिकित्सक एवं 116 पशुधन सहायक लगाए गए हैं. पाली, सिरोही, नागौर, जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, जयपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, चुरू, बीकानेर, झुंझुनू, उदयपुर और अजमेर जिलों में लंपी स्किन रोग बुरी तरह से फैला हुआ है.
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