गौरव कुमार हत्याकांड में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर उठे सवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. ए.पी. सिंह ने की सख्त कार्रवाई की मांग
एटा, उत्तर प्रदेश | सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. ए. पी. सिंह ने आज एटा के सागर कॉम्प्लेक्स स्थित कैफ़े में पत्रकारों से वार्ता के दौरान एक हत्या के गंभीर मामले में पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल 2024 को सुबह 8:30 बजे गौरव कुमार (उम्र 26 वर्ष), निवासी नयावास इमलानी, जो अपनी शादी के निमंत्रण पत्र बांटने अपने गांव गया था, की निर्मम हत्या कर दी गई।
घटना के अनुसार, गौरव कुमार गांव के ही विजय सिंह के खेत में सिंचाई की ट्रॉली की देखरेख कर रहा था, तभी गांव के ही सेठीराम, राजवीर, सतपाल, धर्मेंद्र और सत्य प्रकाश ने उसे घेरकर पीठ में गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस संबंध में थाना हरदुआगंज में धारा 302, 120बी, 504, 506 के तहत मुकदमा अपराध संख्या 223/24 दर्ज किया गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. ए.पी. सिंह ने आरोप लगाया कि अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और न ही पुलिस ने शिकायतकर्ता कौशल कुमार द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों — जैसे वीडियो फुटेज, फोटोज, कॉल रिकॉर्डिंग आदि — को विवेचना में शामिल किया है। उन्होंने बताया कि घटना के प्रत्यक्षदर्शी गवाह मौजूद हैं, जिन्होंने शपथपत्र देकर घटना की पुष्टि की है, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
शिकायतकर्ता कौशल कुमार ने जानकारी दी कि मौके से बरामद तमंचे की फिंगरप्रिंट जांच तक नहीं कराई गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गांव के एक स्थानीय निवासी हेम सिंह ने तमंचे को घटनास्थल पर देखा और पहचान कर उठाया था, लेकिन इस महत्वपूर्ण बिंदु की भी कोई जांच नहीं की गई।
कौशल कुमार ने आरोप लगाया कि पुलिस न केवल निष्क्रिय बनी हुई है, बल्कि साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास भी कर रही है। मृतक के कपड़े तक जांच के लिए प्रयोगशाला नहीं भेजे गए हैं। वहीं आरोपियों द्वारा गवाहों को धमकाने की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन पुलिस अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सिंह ने आगे कहा कि आरोपियों के मोबाइल नंबर की सीडीआर और लोकेशन की जांच तक नहीं कराई गई है, और आज तक न्यायालय के समक्ष कोई विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। उन्होंने इसे न्यायिक प्रणाली का “खुलेआम मज़ाक” बताया और उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की।
इस मामले को लेकर क्षेत्र में असंतोष का माहौल है और पीड़ित परिवार ने निष्पक्ष जांच एवं त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए शासन और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
