आदमी अपने जीवन में कभी न कभी किसी न किसी को अपना दोस्त जरूर बनाता है. एक ऐसा दोस्त जो उसके सुख-दु:ख का साथी बने. अक्सर लोगों की तलाश सच्चे दोस्त की होती है. कुछ उसे खोजने में कामयाब हो जाते हैं, तो कुछ को लंबा समय बीत जाने के बाद भी ऐसा दोस्त नहीं मिलता है. हालांकि एक सच्चा दोस्त खोजने का तरीका यह भी है कि आप खुद किसी के सच्चे दोस्त बन जाइए. दरअसल, दुनिया में जितने भी रिश्ते-नाते या फिर कहें संबंध हैं वो हमेशा जन्म से प्राप्त होते हैं, लेकिन मित्रता का चयन हमेशा हम खुद करते हैं.
मित्रता एक ऐसी नयाब चीज है जो किसी भी व्यक्ति की खुशियों को बढ़ाने और दु:ख को कम करने में अक्सर मददगार साबित होती है. किसी भी मित्रता की पहली शर्त एक दूसरे को समझना और समझाना है. यदि आप एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझते हैं और समय आने पर अपनी बात को समझा लेते हैं निश्चित तौर पर आप एक दूसरे के सच्चे मित्र हैं. जीवन में ऐसी मित्रता की खूब कद्र करनी चाहिए और उसे कायम रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए. जीवन में सच्चा दोस्त अच्छी सेहत के समान होता है, जिसकी कीमत अक्सर हम खो बैठने के बाद जान पाते हैं. मित्रता के असल मायने को समझने के लिए आइए इससे जुड़ी 5 अनमोल बातें जानते हैं.
- आपके जीवन में कभी भी एक सच्चा मित्र तब तक आपकी राह में आड़े नही आता, जब तक कि आप गलत राह पर नहीं जा रहे हों.
- सच्ची मित्रता की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि आप सामने वाले की समझ रखते हैं और सामने वाला आपकी समझ रखता है.
- बड़े से बड़ा शत्रु ऐसे राजा का नाश नहीं कर सकता, जिसके पास दोष को बताने वाले, गलत बात पर असहमति जताने वाले और गलतियों को सुधारने वाले वाले सच्चे मित्र हों.
- जीवन में किसी भी व्यक्ति के साथ मित्रता का आधार विश्वास होता है. ऐसे में किसी भी स्थिति मे अपने मित्र पर विश्वास नहीं खोना चाहिए और उस पर भी विश्वास करना ही परममित्र का गुण है.
- सच्चा मित्र वो होता है जो आपके भूतकाल को समझता है, आपके भविष्य पर विश्वास रखता है और आप जैसे हो वैसे ही आपको अपनाते हुए आपके साथ हर समय खड़ा रहता है।
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