अंतराष्ट्रीय

इमरान ने खोला रहस्यमयी चिट्ठी का राज, बताया- कैसे बाहर से रची जा रही है साजिश, इस देश का लिया नाम

Imran Khan 1

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने गुरुवार को देश को संबोधित किया. इस दौरान पिछले कुछ दिनों से चर्चा में चल रही इमरान की चिट्ठी को लेकर अब पाकिस्तानी पीएम ने एक बड़ा खुलासा किया है. इमरान ने कहा है कि इस चिट्ठी के संबंध अमेरिका से जुड़े हुए बताए हैं. दरअसल, इमरान ने अफगानिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि देश के उत्तरी इलाकों पर अमेरिकी ड्रोन्स के जरिए बम बरसाए जा रहे थे. इस दौरान वह अकेले ऐसे नेता थे, जिन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. वरिष्ठ राजनेताओं में से किसी ने भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं अमेरिका इससे नाराज न हो जाए.

इमरान ने कहा कि पाकिस्तानियों को ‘आतंक के खिलाफ युद्ध’ की वजह से परेशानी झेलनी पड़ी. अमेरिका की वजह से 80 हजार पाकिस्तानियों की मौत हुई थी. ये पाकिस्तान का युद्ध नहीं था. लेकिन पाकिस्तानियों को इसकी सजा भुगतनी पड़ी. इमरान ने कहा कि यही वजह थी कि जब वह सत्ता में आए, तो उन्होंने स्वतंत्र विदेश नीति बनाने पर जोर दिया. इमरान ने कहा, हमारी नीति अमेरिका, यूरोप विरोधी नहीं थी. यहां तक कि हमने भारत विरोधी नीति भी नहीं बनाई थी. ये भारत-विरोधी तब बनी, जब नई दिल्ली द्वारा कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा अगस्त 2019 में समाप्त कर दिया.

इमरान खान ने चिट्ठी को लेकर क्या कहा?

चिट्ठी को लेकर बात करते हुए इमरान की जुबान फिसली और उन्होंने अमेरिका का नाम लिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि एक विदेशी मुल्क ने धमकी भरी चिट्ठी भेजी है, जो पाकिस्तान के खिलाफ है. इमरान ने कहा, ‘पत्र में कहा गया है कि अविश्वास प्रस्ताव दायर होने से पहले ही पेश किया जा रहा था, जिसका मतलब है कि विपक्ष उनके संपर्क में था.’ इमरान खान ने कहा कि चिट्ठी उनके खिलाफ थी, सरकार के खिलाफ नहीं. इसमें कहा गया है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पास होता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा, अगर ऐसा नहीं किया गया तो परिणाम भुगतने होंगे. इमरान ने कहा कि यह एक ‘आधिकारिक पत्र’ था, जिसके बारे में पाकिस्तान के राजदूत को सूचित किया गया था.

इमरान ने कहा कि राजदूत से कहा गया था कि अगर इमरान खान सत्ता में बने रहते हैं, तो पाकिस्तान को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि विदेशी अधिकारी जानते हैं कि उनके बाद सत्ता में आने वालों को बाहरी ताकतों से आदेश लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इमरान ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि यहां बैठे हमारे लोग विदेशी ताकतों के संपर्क में हैं. इमरान ने तीन ‘कठपुतलियों’ का जिक्र करते हुए
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम मौलाना फजलुर रहमान की ओर इशारा किया.

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