मुंबई. बॉलीवुड के जानेमाने गीतकार और लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) 77 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 17 जनवरी, 1945 को ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता मशहूर शायर जान निसार अख्तर थे और उनकी मां सफिया अख्तर लेखिका और गायिका थी। काफी छोटी उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया था और इसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले जावेद अख्तर ने अपनी पढ़ाई मप्र और लखनऊ में की। उनका बॉलीवुड सफर आसान नहीं था। उन्होंने इंडस्ट्री में नाम कमाने काफी संघर्ष किया। फिल्मों में करियर बनाने जावेद जब मुंबई आए तो उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे। तो कमाल अमरोही के स्टूडियो में उन्हें ठिकाना मिला था। फिल्म जगत में उन्हें काम पाने के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा। काफी हाथ-पैर मारने के बाद जावेद को फिल्मों में क्लैपर ब्वॉय का काम मिला था। नीचे पढ़े सलीम-जावेद के नाम से फेमस इस जोड़ी आखिर किस की नजर लग गई और दोनों अलग हो गए…
जावेद अख्तर की मुलाकात सलीम खान से फिल्म सरहदी लूटेरा के सेट पर हुई थी, जहां सलीम एक्टर थे और जावेद एक क्लैपर ब्वॉय। जाने-माने डायरेक्टर एसएम सागर को एक डायलॉग राइटर की जरूरत थी। जब उन्हें कोई डायलॉग राइटर नहीं मिला तब उन्होंने जावेद को यह काम सौंप दिया था।
फिल्म सरहदी लुटेरा की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात सलीम खान से हुई। यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हुई। बता दें कि दोनों ने मिलकर हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, अंदाज, शोले, जंजीर, डॉन, दीवार, चाचा-भतीजा, त्रिशूल, दोस्ताना, क्रांति, यादों की बारात, शान, काला पत्थर जैसी करीब 23 ब्लॉकबस्टर फिल्में लिखी।
1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया के बाद सलीम-जावेद की सुपरहिट जोड़ी अलग हो गई। इसके बाद भी जावेद अख्तर ने फिल्मों के लिए संवाद लिखने का काम जारी रखा। आज भी इन दोनों की जोड़ी एक साथ कई कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए नजर आती है। इनकी जोड़ी को देखकर हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों टूटी ये जोड़ी। हालांकि, इसकी सही वजह कोई नहीं जानता।
सलीम खान ने बताया था कि हर डिब्बे पर एक्सपायरी लिखी होती है, तो शायद इस रिश्ते की भी डेट लिखी थी। अलग होना उनकी सोच थी। सलीम कहते हैं कि आज भी मियां-बीवी अलग हो जाते हैं, पार्टनर्स अलग हो जाते हैं। लोगों की अपनी-अपनी राय होती है।
जावेद अख्तर की लेखनी बचपन से ही दमदार थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि स्कूल के समय लोग उनसे लव लेटर लिखवाने आया करते थे। वो उन लोगों के भी लव लेटर लिखते थे जिन्हें वो जानते तक नहीं थे। लव लेटर लिखने में उनकी बड़ी डिमांड थी।
जावेद अख्तर की पहली पत्नी का नाम हनी ईरानी है। फिल्म सीता और गीता के दौरान जावेद की मुलाकात हनी ईरानी से हुई। फिल्म हिट होने की शर्त जीतकर जावेद ने हनी से शादी की थी। दोनों की उम्र में 10 साल का फासला था। लेकिन दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे।
1970 में जावेद का दिल कैफी आजमी की बेटी शबाना आजमी पर आ गया। उनके अफेयर की खबर जब हनी को हुई तो घर में रोज झगड़े होने लगे लेकिन जावेद, हनी को छोड़ना नहीं चाहते थे इसलिए हनी ने उनसे कहा कि वो शबाना के पास जाएं और बच्चों की चिंता ना करें। इसके बाद जावेद ने हनी से तलाक ले लिया। 6 साल के अफेयर के बाद 1984 में जावेद ने शबाना से शादी कर ली।
जावेद अख्तर ने कुल 14 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम किया है। सात बार बेस्ट स्क्रिप्ट लिए और सात बार बेस्ट लिरिक्स के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया है। इसके साथ उनको 5 बार नेशनल अवॉर्ड मिला है। 2007 में वो पद्म भूषण और 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं।
Disclaimer: This article has not been edited by Culprit Tahalaka. This news is published by news agency or other source.
Culprit Tahalka – Latest news, Hindi Khabar Live, Uttar Pradesh Breaking News Hindi, Crime News, National News, Filmy News
कलप्रिट तहलका (राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक) भारत/उप्र सरकार से मान्यता प्राप्त वर्ष 2002 से प्रकाशित। आप सभी के सहयोग से अब वेब माध्यम से आपके सामने उपस्थित है।
समाचार,विज्ञापन,लेख व हमसे जुड़ने के लिए संम्पर्क करें।