*कविता : अशोक सिंह*
*नये साल का संकल्प*
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आओ हाथ में हाथ लें
मिलकर लें संकल्प
कि आने वाला वर्ष
न झेले किसी महायुद्ध की पीड़ा
सड़कों पर चलें हम बेखौफ
बाजार की भाषा में ना बोले
बचायें अपनी दिनचर्या में
जीवन की गर्माहट
खुद को लायें
माटी के थोड़ा और करीब
हम आयें आपके थोड़ा और पास
थोड़ा अपने अंदर भी झांकें
करें अपने आपसे भी संवाद
लड़ें अपने आप से
कम से कम इतना जरूर
कि लगे कि हां, हमने लड़ा है
हार न माने कभी
कि उम्मीद हमारा
आखिरी हथियार है!
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*जनमत शोध संस्थान*
*पुराना दुमका केवटपाड़ा*
*दुमका – 814101 झारखंड*