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पंजाब (Punjab) की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान एक्शन में हैं. पंजाब सरकार ने को पुलिस और प्रशासन में बड़ा फेरबदल किया है. इसमें 13 जिलों के एसएसपी और 6 जिलों के डीसी बदल दिए गए हैं. खास बात ये है कि सीएम मान के गृह जिले संगरूर के एसएसपी स्वप्न शर्मा और डीसी रामवीर को भी हटा दिया गया है. बता दें कि पंजाब विधानसभा में एक अप्रैल को विशेष सत्र का आयोजन होगा. सूब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश के मुताबिक सदन की पूरी कार्यवाही पंजाब सरकार के तमाम सोशल मीडिया हैंडल्स पर सीधी दिखाई जाएगी.
पंजाब सरकार के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया, पंजाब विधानसभा अध्यक्ष ने 16वीं राज्य विधानसभा के पहले सत्र की एक दिवसीय विशेष बैठक शुक्रवार यानी एक अप्रैल 2022 को सुबह 10 बजे बुलाई गई है. इस सत्र की लाइव कार्यवाही पंजाब सरकार के फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब हैंडल और सीएमओ पर उपलब्ध होगी.
पंजाब विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार के केंद्र शासित चंडीगढ़ से पंजाब सर्विस रूल्स को हटाकर केंद्रीय सर्विस रूल्स लागू करने के नोटिफिकेशन के खिलाफ भी पंजाब सरकार प्रस्ताव ला सकती है. सूत्रों का कहना है कि पंजाब ग्रामीण विकास अधिनियम, 1987 के खंड 7 में संशोधन के लिए एक विधेयक भी पेश किया जा सकता है. हालांकि आज कैबिनेट की बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा. गौरतलब है कि 16वीं पंजाब विधानसभा का पहला सत्र 22 मार्च को संपन्न हुआ था.सभी विधायकों ने शपथ ली थी और कुलतार सिंह संधवां को विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया था.
पंजाब में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू होगी
पंजाब सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी को लेकर बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐलान किया है कि पंजाब में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू होगी. उन्होंने कहा कि सरकार घर-घर राशन पहुंचाएगी. इस काम को अधिकारी ही करेंगे. मान ने कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने ये स्कीम चालू की थी लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली में स्कीम को रोक दिया था.
पंजाब में निजी स्कूलों की नहीं बढ़ेगी फीस
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अगले शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से कुछ दिन पहले बुधवार को सभी निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने या बच्चों को चुनिंदा दुकानों से किताब, पोशाक या स्टेशनरी का सामान खरीदने के लिए मजबूर करने के खिलाफ निर्देश दिया. मान ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा देना चाहते हैं. लेकिन यह महंगा हो गया है, जिससे इसका खर्च वहन कर पाना मुश्किल हो गया है.
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