लखनऊ। रोडवेज बसों से डीजल चोरी का बड़ा खेल पकड़ा गया है। कैसरबाग बस अड्डे के बुकिंग क्लर्क की सतर्कता से संविदा चालक और डीजल खरीदने वाले को सीएमओ ऑफिस के पास से बहराइच डिपो की बस से डीजल निकालते हुए रंगेहाथ धर लिया गया।
रोडवेज अफसरों ने वजीरगंज थाने में मामला दर्ज करवाया है, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। चालक दो साल से बसों से डीजल चोरी कर रहा था। अब तक उसने 1.80 लाख लीटर डीजल चोरी की और इसे 1.26 करोड़ रुपये में बेचा।
कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र सेठ ने बताया कि मामला शनिवार सुबह साढ़े सात बजे का है। बुकिंग क्लर्क आमिर जावेद ड्यूटी पर आ रहे थे। उन्होंने बहराइच डिपो की बस संख्या यूपी 40 टी 5510 से उल्टी दिशा में खड़ी देखी तो संदेह हुआ। पड़ताल करने पर बस से डीजल चोरी करते हुए उन्होंने दो लोगों को पकड़ लिया। बस से डालीगंज निवासी परवेज आलम 50 लीटर की पिपिया में बस से डीजल निकाल रहा था। पास में ही संविदा चालक शरीफ अहमद भी खड़ा था।
इसकी सूचना पर अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सत्यनारायण चौधरी भी मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद वजीरगंज थाने में मामला दर्ज कराया गया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि बसों से डीजल चोरी कर अन्य जिलों में बेचा जा रहा था।
कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र सेठ ने बताया कि अनुमान के अनुसार प्रति बस 10 लीटर डीजल चोरी किया जा रहा था। प्रतिदिन 20-25 बसों से डीजल चोरी होने से 250 लीटर का नुकसान हो रहा था। इस औसत से रोडवेज बसों से दो साल में 1,80,000 लीटर डीजल चोरी किया जा चुका है, जिसे औसतन 70 रुपये में बेचा जा रहा था। इससे 1,26,00,000 रुपये का डीजल बेचा गया। 15 हजार से अधिक बसों से डीजल चोरी की गई है। हालांकि, एआरएम ने बताया कि सही आंकड़ा जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
बुकिंग क्लर्क आमिर जावेद कैसरबाग बस अड्डे आ रहे थे। बहराइच डिपो की इस बस का मुंह कैसरबाग की ओर था, जबकि सीएमओ ऑफिस के पास खड़ी होने वाली बसों की दिशा रेजीडेंसी की तरफ रहता है। अन्य बसों से यह उल्टी दिशा में खड़ी थी, जिससे बस का डीजल टैंक सेंटीनियल कॉलेज मैदान की दीवार की तरफ हो गया था। आमिर को शक हुआ, जब उन्होंने बस की पड़ताल की तो डीजल चोरी का खेल पकड़ लिया गया।
चालक शरीफ अहमद ने बताया कि डीजल चोरी करने के बाद उसका एवरेज मेंटेन करने के लिए बसों को खाली दौड़ाया जाता था। यात्रियों का लोड कम होने पर डीजल औसत निकल आता था और डीजल चोरी होने के मामले का खुलासा नहीं हो पाता था।
40 लोगों के मिले नंबर
बसों से डीजल चोरी का सिंडिकेट बहुत ही पुराना है। इससे पहले भी हरदोई, मुरादाबाद सहित कई जगहों पर डीजल चोरी के मामले पकड़े गए हैं। सूत्र बताते हैं कि ड्राइवर के मोबाइल से लोनी, बहराइच, मुरादाबाद, बाराबंकी, सहारनपुर सहित कई जिलों के 40 लोगों के नंबर मिले हैं, जो इस सिंडिकेट में शामिल पाए जा सकते हैं। इतना ही नहीं शनिवार को जब ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया तो उसे छुड़ाने के लिए वकील भी पहुंचे थे।