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जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इगलास तहसील परिसर में शौर्य स्तंभ का किया अनावरण

डीएम-एसएसपी ने तहसील इगलास परिसर में शौर्य स्तम्भ का किया अनावरण।

खबर जनपद अलीगढ़ के तहसील इगलास की है जहां आज जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आज 18 नवम्बर 2023 अपने त्याग और समर्पण से देश को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, अदम्य साहस व वीरता के साथ देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर क्रांतिकारियों की याद व सम्मान में तहसील इगलास परिसर स्थापित शौर्य स्तम्भ का डीएम-एसएसपी ने अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने शौर्य स्तम्भ पर पुष्प चक्र अर्पित कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, वीर क्रांतिकारियों को श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया। इस दौरान डीएम-एसएसपी समेत समस्त अधिकारियांे ने आजादी का अमृत महोत्सव के जिला समन्वयक सुरेन्द्र शर्मा द्वारा लगाई गयी जनपद के स्वतंत्रता आन्दोलन में अलीगढ़ के वीर सपूतों की भूमिका को परिलक्षित करती चित्र प्रदर्शनी की मुक्तकंठ से सराहना की।

डीएम इन्द विक्रम सिंह ने कहा कि तहसील इगलास का स्वतंत्रता आन्दोलन में अहम योगदान रहा है। यहां के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने न केवल देश के आजादी के आन्दोलन में अहम भूमिका निभाई बल्कि प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध, इण्डो-चाइना वार एवं कारगिल युद्ध में यहां के बहुत सारे वीर सपूतों ने अपनी कुर्बानी देकर देश की आन-बान-शान को बनाए रखा। उनकी स्मृतियों को संजोने के लिए तहसील इगलास परिसर में प्रशासनिक एवं जनसहयोग से तहसील के इतिहास को एकत्रित करते हुए शौर्य स्तम्भ की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि यह स्मारक युगों-युगों तक तहसील की शोभा बढ़़़ाने के साथ ही वीर सपूतों की यादों को अच्क्षुण रखकर नौजवानों के लिए प्रेरणास्रोत बनते हुए यहां की विरासत आगे बढ़ाएगा। किसी से छुपा नहीं है कि तहसील इगलास से सेना के विभिन्न अंगों-जल, थल, वायु में यहां के नौजवान शामिल होकर देश की रक्षा कर रहे हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश की आजादी तक और उसके उपरान्त समय में भी तहसील इगलास का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां के वीरों ने अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया है। अपने प्राणों की चिंता न करते हुए भारत माता को गुलामी की जंजीरों से न सिर्फ आजाद कराया बल्कि समय-समय पर उसकी रक्षा भी की। आजादी के लिए ब्रितानियां हुकूमत की गोली ही नहीं खाई बल्कि जेल गये और बड़ी से बड़ी यातनाओं को भी झेला। वर्तमान समय में युवा पीढ़ी उनकी गौरव गाथाओं को भूलती जा रही है। यह शौर्य स्तम्भ उनकी स्मृतियों को सहेजने का कार्य करेगा।

उप जिलाधिकारी इगलास महिमा राजपूत ने बताया कि तहसील क्षेत्र के 85 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ ही सीमा पर प्राण न्योछावर करने वाले रणबांकुरों के नाम शौर्य स्तम्भ पर अंकित किये गये हैं। शौर्य स्तम्भ पर 35 फीट ऊॅचा राष्ट्रध्वज लहरा रहा है। उन्होंने डीएम-एसएसपी को बताया कि शौर्य स्तम्भ के बन जाने से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं सैन्य परिवारों में खुशी की लहर देखी जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह शौर्य स्तम्भ बलिदानियों के पराक्रम की गौरव गाथा का गवाह बनेगा।

रामेश्वर सिंह
मंडल ब्यूरो चीफ
अलीगढ़

Rameshwar Singh

मंडल ब्यूरो चीफ,अलीगढ़

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