नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के फैलने से देश में महामारी की तीसरे लहर आने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। कोरोना के खतरे के बीच किस तरह चुनाव कराए जा सकते हैं? इस मुद्दे पर चर्चा कि लिए आज चुनाव आयोग (Election Commission) और स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के बीच बैठक होगी।
बैठक में चुनाव से संबंधित बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। बैठक में पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मौजूदा कोरोना के हालात पर चर्चा होगी। चुनाव आयोग स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से कोरोना की स्थिति की जानकारी लेगा। सोमवार सुबह 11 बजे से शुरू होने वाली बैठक में कई अधिकारी शामिल होंगे।
बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा का चुनाव होना है। ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए देश के कई राज्यों में फिर से पाबंदियां लगा दी गईं है। कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा है तो कई राज्यों में कार्यक्रम करने और भीड़ जुटाने पर पाबंदी है। वहीं, विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में चुनावी रैलियां और सभाएं हो रही हैं। इस दौरान कोरोना की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके चलते चुनाव टालने की भी मांग की जा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की थी चुनाव टालने की अपील
पिछले दिनों भीड़ जुटने के चलते कोरोना फैलने के खतरे को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव टालने की अपील की थी। जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा था, ‘UP में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाए। उनसे कहा जाए कि वे चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।’
कोर्ट ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में फ्री वैक्सीनेशन अभियान चलाया है, यह प्रशंसनीय है। पीएम से अपील है कि वे कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए चुनावी रैली, सभाएं और चुनाव रोकने या टालने के बारे में विचार करें। उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल के विधानसभा के चुनाव में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई थी। कोरोना की दूसरी लहर में काफी लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव निकट है। इसके लिए राजनीतिक दल रैली व सभाओं में लाखों लोगों की भीड़ जुटा रहे हैं। कोविड-19 नियम का पालन कहीं नहीं हो रहा है। इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह हो सकता है।
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