चेन्नई। श्रीलंकाई नौसेना (Sri Lankan Navy) द्वारा 55 भारतीय मछुआरों (Indian Fishermen) को पकड़ने के मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टलिन ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है। एमके स्टलिन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की और तमिलनाडु के 55 मछुआरों की गिरफ्तारी और 8 नौकाओं को श्रीलंका की नौसेना द्वारा जब्त करने के मामले की जानकारी दी। सीएम ने विदेश मंत्री से मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का आग्रह किया। विदेश मंत्री ने मुख्यमंत्री को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।
बता दें कि रविवार को श्रीलंका की नौसेना ने 55 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया और उनकी नाव को जब्त कर लिया। श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय मछुआरों पर समुद्री सीमा पार करने का आरोप लगाया है। गिरफ्तार किए गए मछुआरे शनिवार सुबह रामेश्वरम से निकले थे। वे जब नेदुन्थीवु के पास थे तभी श्रीलंकाई नौसेना के गश्ती दल ने उन्हें घेर लिया। मछुआरों को पूछताछ के लिए नेदुन्थीवु ले जाया गया है। श्रीलंकाई नौसेना ने अभी यह तय नहीं किया है कि मछुआरों को कांगेसानतुरई कैंप भेजना है या भारत को वापस सौंपना है।
मछुआरा संघ ने की तुरंत रिहाई की मांग
दूसरी ओर मछुआरा संघ ने गिरफ्तार किए गए सभी मछुआरों की तुरंत रिहाई की मांग की है। संघ ने कहा है कि मछुआरों को रिहा नहीं किया जाता है तो सोमवार से वे विरोध प्रदर्शन करेंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। मत्स्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मछुआरे 500 से अधिक नौकाओं में सवार होकर 18 दिसंबर को यहां से रवाना हुए थे और वे कच्चातीवू द्वीप के पास मछलियां पकड़ रहे थे कि तभी उनमें से 55 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया गया और 8 नौकाएं जब्त कर ली गईं।
मछुआरा एसोसिएशन के एक नेता और प्राधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद मछुआरों को श्रीलंका के कांगेसानतुरई शिविर ले जाया गया। रामनाथपुरम से सांसद के. नवसकणि ने केंद्रीय मंत्रियों से बात की और मछुआरों एवं उनकी नौकाओं को छुड़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
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