उत्तर प्रदेश का एक जिला शाहजहांपुर (Shahjahanpur) है. शाहजहांंपुर को मुगल सम्राट जहांगीर की सेना में सैनिक दो भाईयों दिलेर खान और शेर बहादुर खान ने स्थापित किया था. दिलेर खान की सेवाओं को देखते हुए जहांगीर ने 14 गांव भेंट के रूप में दिए थे और इसी तरह अस्तित्व में आया शाहजहांपुर. कभी बरेली जिले का हिस्सा रहे शाहजहांपुर जिले में वैसे तो विधानसभा की 6 सीटें हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में शाहजहांपुर विधानसभा सीट (Shahjahanpur Assembly Seat) सबसे लोकप्रिय है. असल में प्रदेश से लेकर देश की राजनीति में इस विधानसभा सीट की राजनीतिक पहचान सुरेश कुमार खन्ना (Suresh Khanna BJP) से हैं. उम्मीद है कि यूपी की सियासत को थोड़ा समझने वाले नाम से ही सुरेश कुमार खन्ना को पहचान गए होंगे. यूपी में कैबिनेट मंत्री रहे सुरेश कुमार खन्ना की वजह से बीजेपी का इस सीट पर कब्जा बना हुआ है और सुरेश कुमार खन्ना इस सीट पर लगातार 8 बार से जीत दर्ज कर कमल खिलाते हुए विधानसभा पहुंच रहे हैं.
1989 से इस सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है बीजेपी
शाहजहांपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी 1989 से जीत दर्ज करती आ रही है. तब से 2017 तक बीजेपी के सुरेश कुमार खन्ना ही इस सीट पर सिंंकदर बने हुए हैं. हालांकि 1985 के चुनाव में ही सुरेश खन्ना कमल खिलाने की मंशा लिए चुनावी मैदान में थे, लेकिन उन्हें असफलता मिली और कांग्रेस के नवाब सिंंकदर अली ने जीत दर्ज की, इसके बाद 1989 के चुनाव में बीजेपी के सुरेश कुमार खन्ना जीत दर्ज करने में सफल रहे. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के नवाब सिकंदर अली खान को 4 हजार से अधिक मतों से हराया और अपने सियासी सफर की शुरुआत की. जो अभी तक बिना रूके जारी है. 1991 में बीजेपी के सुरेश कुमार खन्ना ने जनता दल के मोहम्मद इकबाल को 28 हजार से अधिक मतों से हराया. वहीं 1993 के चुनाव में सुरेश खन्ना ने सपा के अशोक कुमार को 16 हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी.
1996 के चुनाव में सुरेश कुमार खन्ना 22 हजार से अधिक मतों से कांग्रेस के सिकंदर अली खान को मात देकर कमल का फूल खिलाने में सफल रहे. 2002 में सुरेश खन्ना ने सपा के प्रदीप पांडे को 23 हजार से अधिक मतों के अंतर से हरा कर बीजेपी को फिर जीत दिलाई. तो वहीं 2007 के चुनाव में सुरेश कुमार खन्ना ने 10 हजार से अधिक मतों के अंतर से बसपा के फैजल अली खान को शिकस्त दी. 2012 और 2017 के चुनाव में सुरेश कुमार खन्ना सपा के तनवीर खान को शिकस्त देकर बीजेपी का कमल खिलाने में कामयाब रहे. 2012 में हार जीत का अंतर 16 हजार से अधिक था. तो वहीं 2017 में खन्ना ने 19 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की.
सुरेश खन्ना का तिलिस्म तोड़ने के लिए इस बार भी मैदान में हैं सपा के तनवीर खान
उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर विधानसभा सीट पर 14 फरवरी को मतदान होना है. जिसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. इसके तहत बीजेपी के दिग्गज नेता सुरेश खन्ना के जीत को रथ रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों जुगत में लगे हुए हैं. बीजेपी ने जहां सुरेश खन्ना पर एक फिर भरोसा किया है और उन्हें टिकट दिया है. तो वहीं सपा ने अपने पुराने उम्मीदवार तनवीर खान को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने पूनम पांडेय को टिकट दिया है. वहींं बसपा की तरफ से अभी तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया गया है.
इस सीट पर मुस्लिम मतदताओं की संख्या अधिक
शाहजहांपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक समीकरण दिलचस्प है. एक आंकड़े के अनुसार इस विधानसभा सीट पर कुल चार लाख के करीब मतदाता हैं. जिसमें सर्वाधिक मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है. वहीं इस सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या भी निर्णायक भूमिका में है. इसे देखते हुए सपा मुस्लिम उम्मीदवार पर दांव लगाती रही है.
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