योगी आदित्यनाथ की कुशलता से जनसुनवाई प्रणाली बनी प्रभावी : समाजसेवी संजय शर्मा
“योगी आदित्यनाथ की कुशलता से जनसुनवाई प्रणाली बनी प्रभावी : समाजसेवी
संजय शर्मा की शिकायत पर सूबे के सभी बकाया चालानों की माफी की समस्या का
10 दिन में हुआ समाधान”
समाचार सार : योगी आदित्यनाथ की कुशलता ने जनसुनवाई प्रणाली को कितना
प्रभावी बना दिया है, इसका नमूना देखने के लिए आपको लखनऊ के समाजसेवी
संजय शर्मा की शिकायत पर परिवहन विभाग द्वारा पूरे सूबे के बकाया
चालानों की समस्या का दस दिन में समाधान कर दिए जाने के इस मामले को
देखना चाहिए जहाँ विभाग ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश देने के
साथ-साथ ई पोर्टल पर लंबित वाहन चालानों को हटवाने के लिए पीड़ितों को
परिवहन विभाग से सीधे संपर्क करने की सुविधा भी प्रदान कर दी है.
लखनऊ.
मोटरयान अधिनियम और नियमावली के तहत उत्तर प्रदेश में वाहनों पर दिनांक
31.12.2021 तक किये गए सभी प्रकार के चालान विधिक रूप से एकबारगी उपशमित
हो जाने के बाद भी पोर्टल से न हटाये जाने के कारण वाहन ट्रान्सफर या
विक्रय करने के समय परेशानियों से जूझ रहे नागरिकों के लिए ये खबर राहत
देने वाली है.
लखनऊ के सक्रिय समाजसेवी संजय शर्मा ने परिवहन विभाग के पोर्टल से ऐसे
सभी चालान हटाने की पेंडेंसी से संबंधित मामले को उठाते हुए विभागीय
अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया है.शर्मा द्वारा की
गई शिकायत पर परिवहन विभाग ने न केवल पेंडेंसी हटाने के लिए समस्त
क्षेत्रीय अधिकारियों को बीती 27 सितम्बर को पत्र जारी किया है बल्कि
शर्मा को यह लिखित आश्वासन भी दिया है कि भविष्य में ऐसी समस्याओं का
सामना करने वाले पीड़ित भी सीधे विभाग से संपर्क कर सकते हैं.
संजय बताते हैं कि यूपी की राज्यपाल ने बीते साल 22 मार्च को संविधान के
अनुच्छेद 213 के खंड (1) के तहत उत्तर प्रदेश दण्ड विधि ( अपराधों का शमन
और विचारणों का उपशमन ) ( संशोधन ) अध्यादेश 2023 प्रख्यापित किया था.
बकौल संजय, यह अध्यादेश अन्य अधिनियमों के तहत किये गए कुछ अपराधों के
साथ-साथ मोटरयान अधिनियम और नियमावली के तहत किये गए चालानों पर भी
प्रभावी था और इस आधार पर दिनांक 31.12.2021 तक मोटरयान अधिनियम और
नियमावली के तहत किये गए सभी चालान भी न्यायिक अधिकारी द्वारा उपशमित कर
दिए गए थे और इनको ई – चालान पोर्टल से डिलीट किया जाना था.
संजय शर्मा ने आईजीआरएस प्रणाली के माध्यम से ई-चालान पेंडेंसी की समस्या
उठाई थी. यह मामला 2016 से 2021 तक कि अवधि के चालानों का था और इन
चालानों को हटाने के लिए निर्देश दिए जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों
द्वारा कार्रवाई नहीं की गई थी.संजय शर्मा ने इस मामले में शिकायत दर्ज
की, जिसके बाद विभाग ने त्वरित कदम उठाते कार्यवाही की है.
संजय शर्मा की इस शिकायत के बाद परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि कोई भी
पीड़ित व्यक्ति अपनी ई-चालान पेंडेंसी से संबंधित शिकायत सीधे विभाग को
दर्ज करा सकता है. इस मामले में तेज़ी से निपटान होने से यह प्रमाणित हुआ
कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित आईजीआरएस प्रणाली जनता की
समस्याओं के समाधान में एक सशक्त माध्यम बन चुकी है. ऑनलाइन शिकायत के
कुछ ही दिनों में त्वरित कार्रवाई करते हुए विभाग ने समस्या का समाधान कर
दिया.
संजय शर्मा, जो देश के एक प्रमुख समाजसेवी हैं और पारदर्शिता, जवाबदेही
और मानवाधिकारों के प्रति समर्पित हैं, ने बताया कि विभाग द्वारा की गई
त्वरित कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि अब शिकायतें अनसुनी नहीं की
जातीं. उनका यह प्रयास सरकारी तंत्र को अधिक जिम्मेदार और पारदर्शी बनाने
की दिशा में एक कदम है.उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों को शीघ्र निपटाने
की दिशा में अहम सुधार किए हैं, जिससे नागरिकों को तुरंत न्याय मिल रहा
है.