कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश के स्वायत्त संस्थानों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि वह संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव खरगे और शशि थरूर के बीच है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होना है और 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होगा और इसमें नौ हजार से अधिक प्रतिनिधि अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
खरगे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा संविधान को नष्ट कर रही है और स्वायत्त संस्थानों को कमजोर कर रही है। इसलिए, भाजपा से लड़ने के लिए और संविधान तथा लोकतंत्र को बचाने के लिए, मैं यह चुनाव लड़ रहा हूं। खरगे ने यहां चंडीगढ़ में पार्टी की पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश इकाइयों के वरिष्ठ नेताओं और 500 से अधिक सदस्यों के साथ मुलाकात कर अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस अवसर पर प्रताप सिंह बाजवा, राजिंदर कौर भट्टल और दीपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक भी मौजूद थे।
अपने चुनावी प्रतिद्वंद्वी के सवाल पर खरगे ने थरूर को परिवार का सदस्य बताया और कहा, वह मेरे छोटे भाई हैं। उन्होंने कहा कि वह सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं, सभी से सलाह-मशविरा करते हैं और निर्णय लेने से पहले सभी को विश्वास में लेते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा दावा करती है कि कांग्रेस ने अपना आधार खो दिया है, लेकिन सभी जानते हैं कि भाजपा विपक्षी दलों की राज्य सरकारों को गिराने के लिए किस तरह के हथकंडों का इस्तेमाल करती है।
खरगे ने दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त की और उसकी वजह से हमने कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, गोवा और हाल ही में महाराष्ट्र में सरकारें खो दीं। उन्होंने कहा, हमारी लड़ाई सड़कों से संसद तक है। भाजपा से कैसे लड़ना है यह सबसे महत्वपूर्ण है। चाहे वह मुद्रास्फीति हो, बेरोजगारी हो, इसके अलावा अन्य मुद्दे हैं जैसे जीडीपी विकास दर गिर रही है, रुपये का अवमूल्यन हो रहा है। देश भर में कांग्रेस की राज्य इकाई के सदस्यों के साथ अपनी बैठकों और चर्चाओं पर, खरगे ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद कांग्रेस को जिन चीजों पर ध्यान देना चाहिए, वे उनके सामने रखते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने उनसे कहा कि उदयपुर घोषणापत्र में जो निर्णय लिए गए हैं, हम उन सभी को लागू करने का प्रयास करेंगे। सभी निर्णयों को लागू करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। खरगे ने जोर देकर कहा कि वह सामूहिक नेतृत्व और निर्णय लेने से पहले सभी को विश्वास में लेने में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा, हम पार्टी से जुड़े मुद्दों पर फैसला लेने से पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत वरिष्ठ नेतृत्व से बात करेंगे।
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