उज्जैन. पंचांग मुख्य रूप से पांच चीजों से मिलकर बना होता है। इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। पंचांग में इन सभी का अलग-अलग महत्व होता है। कभी पंचांग हमारे दैनिक जीवन का एक हिस्सा होता था। पंचांग देखकर ही यात्राओं का समय तय किया जाता था ताकि किसी तरह की परेशानी न हो। आदि बहुत से कार्य पहले पंचांग में बताए गए समय पर ही करने की परंपरा थी। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
22 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 22 August 2022)
23 अगस्त 2022, दिन शनिवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय मृगशिरा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 07.41 तक रहेगा। इसके बाद आर्द्रा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार को पहले मृगशिरा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग और उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। साथ ही वज्र नाम का एक अन्य योग भी इस दिन रहेगा। सोमवार को राहुकाल सुबह 07:44 से 09:19 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी…
सोमवार को चंद्रमा मिथुन राशि में, सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शुक्र कर्क राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी पुष्प खा कर घर से निकलना चाहिए।
22 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- कृष्ण
दिन- सोमवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- मृगशिरा और आर्द्रा
करण- बव और बालव
सूर्योदय – 6:09 AM
सूर्यास्त – 6:50 PM
चन्द्रोदय – Aug 22 1:26 AM
चन्द्रास्त – Aug 22 3:35 PM
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:04 से 12:55 तक
22 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड – 10:54 AM – 12:29 PM
कुलिक – 2:04 PM – 3:39 PM
दुर्मुहूर्त – 12:55 PM – 01:45 PM, 03:27 PM – 04:17 PM
वर्ज्यम् – 05:09 PM – 06:57 PM
हिंदू नववर्ष का दूसरा महीना है वैशाख
पंचांग के अनुसार, हिंदू वर्ष का दूसरा महीना वैशाख होता है। इस महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में होता है, इसलिए इस महीने का नाम वैशाख रखा गया है। इस माह को माधव नाम से भी जाना जाता है। माधव विष्णु का एक नाम है। ऐसी मान्यता है कि वैशाख मास में भगवान विष्णु के साथ ही शिवजी और ब्रह्माजी की पूजा करने से विशेष लाभ होते हैं और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
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