Aaj ka Panchang 26 November 2022:हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है. इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग की आवश्यकता पड़ती है. जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हें. आइए पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल(Dishashool), भद्रा(Bhadra), पंचक(Panchank), प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं.
कब लगेगा राहुकाल
ज्योतिष में तमाम तरह के बताए गये अशुभ समय में राहुकाल को अत्यंत ही हानिकारक माना गया है। पंचांग के अनुसार आज शनिवार को राहुकाल प्रात:काल 09:30 से 10:49 बजे तक रहेगा। ऐसे में आज इस समय कोई भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से बचना चाहिए।
किधर रहेगा दिशाशूल
पंचांग के अनुसार शनिवार के दिन पूर्व दिशा में दिशाशूल रहता है, जिस ओर जाने पर व्यक्ति के काम में असफलता की आशंका बढ़ जाती है। यही कारण है कि जिस ओर दिशाशूल रहताा उस ओर जाने के लिए हिंदू धर्म में मना है। पंचांग के अनुसार यदि शनिवार के दिन पूर्व दिशा में जाना बहुत जरूरी हो तो अदरक या उड़द खाकर निकलना चाहिए।
26 नवंबर 2022 का पंचांग
(देश की राजधानी दिल्ली के समय पर आधारित)
विक्रम संवत – 2079, राक्षस
शक सम्वत – 1944, शुभकृत्
दिन (Day) | शनिवार |
अयन (Ayana) | दक्षिणायन |
ऋतु (Ritu) | शरद |
मास (Month) | मार्गशीर्ष मास |
पक्ष (Paksha) | शुक्ल पक्ष |
तिथि (Tithi) | तृतीया 07:28 बजे तक तदुपरांत चतुर्थी |
नक्षत्र (Nakshatra) | शूल |
योग (Yoga) | तैतिल प्रात:काल 09:01 बजे तक तदुपरांत गर |
करण (Karana) | बालव दोपहर 12:07 बजे तक तदुपरांत कौलव |
सूर्योदय (Sunrise) | प्रात:काल 06:52 बजे |
सूर्यास्त (Sunset) | सायंकाल 05:24 बजे |
चंद्रमा (Moon) | धनु राशि में |
राहु काल (Rahu Kaal Ka Samay) | प्रात:काल 09:30 से 10:49 बजे तक |
यमगण्ड (Yamganada) | दोपहर 01:27 से 02:46 बजे तक |
गुलिक (Gulik) | प्रात:काल 06:52 से 08:11 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurt) | प्रात:काल 11:47 से दोपहर 12:29 बजे तक |
दिशाशूल (Disha Shool) | पूर्व दिशा में |
भद्रा (Bhadra) | — |
पंचक (Pnachak) | — |
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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