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Netherland पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पत्नी के साथ केयूकेनहोफ ट्यूलिप गार्डन का किया दौरा

President Ram Nath Kovind

नीदरलैंड (Netherlands) पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind) ने अपनी पत्नी के साथ केयूकेनहोफ ट्यूलिप गार्डन (Keukenhof Tulip Garden) का दौरा किया. भारत और नीदरलैंड के बीच 75 साल के राजनयिक संबंधों को चिह्नित करने के लिए एक ट्यूलिप फूल का नाम ‘मैत्री’ रखा गया है. इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तुर्कमेनिस्तान और नीदरलैंड की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए, जहां वो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे.

राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट में कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तुर्कमेनिस्तान और नीदरलैंड की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए. ये भारत के किसी राष्ट्रपति की तुर्कमेनिस्तान की पहली यात्रा होगी. साथ ही कहा कि भारत के किसी राष्ट्रपति की 34 साल बाद नीदरलैंड की यात्रा हो रही है. इससे पहले 1988 में तत्कालीन राष्ट्रपति वेंकटरामण वहां गए थे.

The Netherlands | President Ram Nath Kovind along with his wife visits Keukenhof Tulip Garden

To mark 75 years of diplomatic relations between India and the Netherlands, a Tulip flower was named ‘Maitree’ pic.twitter.com/GTVjJurZOb

— ANI (@ANI) April 4, 2022

वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि ये संयोग है कि राष्ट्रपति की नीदरलैंड की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे हो रहे हैं. इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम), संजय वर्मा ने एक अप्रैल से शुरू हो रही राष्ट्रपति कोविंद की तुर्कमेनिस्तान और नीदरलैंड की हफ्तेभर की यात्रा के संबंध में बताया था कि इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे.

भारत-मध्य एशिया साझेदारी के संदर्भ को भी प्रदर्शित करेगी यात्रा 

वर्मा ने बताया था कि तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति के न्योते पर राष्ट्रपति कोविंद वहां की एक से चार अप्रैल तक राजकीय यात्रा करेंगे. उन्होंने कहा था कि ये भारत के राष्ट्रपति की स्वतंत्र तुर्कमेनिस्तान की अब तक की पहली यात्रा होगी, जो वहां के नए राष्ट्रपति सरदार बेर्दीमुहामेदोव के शपथ ग्रहण के कुछ ही दिनों बाद हो रही है. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा न सिर्फ तुर्कमेनिस्तान के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध के महत्व की पुन:पुष्टि करेगी, बल्कि हमारे विस्तारित पड़ोस की अवधारणा और भारत-मध्य एशिया साझेदारी के संदर्भ को भी प्रदर्शित करेगी.

(इनपुट- भाषा के साथ)

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